प्रकृति को बदलना है, सोच बदलिये


हम ठान लें कि सोशल मीडिया पर महीने में दो पोस्ट प्रकृति संरक्षण या जागरुकता की अवश्य लिखेंगे और महीने में एक बार कुछ दिनों के लिए डीपी पर भी प्रकृति को ही जगह देंगे, क्यों न हम अपनी डीपी पर पीपल, आम, नीम, आंवला या कोई और वृक्ष लगाएं...एक अभियान तो चलेगा सुधार का, आप चाहें तो पोस्ट को इसे शेयर कीजिएगा...पत्रिका बहुत कुछ नया लेकर लक्ष्य की ओर अग्रसर है... आप सभी का सहयोग हमारी ताकत बनेगा...। मैंने तो शुरुआत कर दी है...आप भी कीजिएगा...क्योंकि प्रकृति सभी की है। 


 

अक्टूबर अंक का विषय- हैप्पीनेस इंडेक्स...खुशी की प्रकृति

 













प्रकृति दर्शन, पत्रिका में आलेख आमंत्रित हैं

दोस्तों त्योहारों के कारण अक्टूबर और नवंबर के माह हम भारतीयों की खुशियों के माह होते हैं, बेशक हम कितने भी थक जाएं, लेकिन इन महीनों में हम अपनों के बीच होते हैं, मुस्कुराते हैं और उम्मीद से लबरेज हो जाते हैं...लेकिन केवल एक या दो ही माह की खुशी क्यों ? केवल कुछ चुनिंदा अवसरों पर ही खुशी क्यों और क्यों हमेशा हम खुशी से नहीं जी सकते...? क्यों हम अपने यहां कोई हैप्पीनेस इंडेक्स नहीं बना पाए ? क्यों हमने यह नहीं सोचा कि प्रकृति और खुशी के बीच एक रिश्ता है या यूं कहा जाए कि खुशी का प्रकृति से गहरा नाता है। ऐसा माना जाता है कि आपके खुश रहने में प्रकृति की बहुत अहम भूमिका है। जानते हैं कि दुनिया के लगभग अधिकांश देश हैप्पीनेस इंडेक्स पर प्रमुखता से कार्य कर रहे हैं, प्लानिंग भी उसी तरह बनाई जा रही हैं। प्रकृति केंद्रित योजनाओं पर कार्य आरंभ हो गया है...हम कहां हैं और हमें क्या करना चाहिए...लिखिएगा...बहुत महत्वपूर्ण विषय है- अगला अंक इसी महत्वपूर्ण विषय पर...। आलेख आमंत्रित हैं...दोस्तों 20 सितंबर तक आलेख ईमेल पर अवश्य मिल जाएं...। 


संदीप कुमार शर्मा

प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका

वेबसाइट- www.prakritidarshan.com

ईमेल- editorpd17@gmail.com

मोबाइल/व्हाटसऐप- 8191903651

जलपुरुष डाँ. राजेंद्र सिंह जी ने किया प्रकृति दर्शन, पत्रिका का ऐप लाँच...

आज बड़े उत्साह का दिन है कि जलपुरुष और मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित आदरणीय राजेंद्रसिंह जी द्वारा राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ’प्रकृति दर्शन’ के मोबाइल एप्लीकेशन को लॉच किया गया है। इस अवसर पर राजेंद्रसिंह जी ने कहा कि आज जब पर्यावरण को लेकर चारों ओर चिंता गहरा रही है, आपदाएं जीवन की मुश्किल बढ़ा रही हैं, हमें कल बेहतर बनाना होगा, यहां राहत की बात यह है कि हमारे ही बीच राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, ‘प्रकृति दर्शन’ सतत पर्यावरण जागरुकता के विषयों पर कार्य कर रही है। आज मुझे पत्रिका का मोबाइल ऐप लॉच करते हुए खुशी हो रही है कि पत्रिका ने डिजिटल की दिशा में अपने कदम अग्रसर किए हैं। मैं ‘प्रकृति दर्शन’ पत्रिका की समस्त टीम को बधाई देते हुए बेहतर भविष्य की कामना करता हूं...। प्रकृति दर्शन परिवार जलपुरुष राजेंद्रसिंह जी का आभारी है जो आपका आशीष हम पर सतत बना हुआ है...। 
वर्तमान अंक जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित है... इस बार के अंक में कवर पेज पर महेश मुदग्ल जी, भोपाल, मप्र का फोटोग्राफ है...।  खुशी होगी यदि आप इस अंक को ऐप पर ही पढ़ेंगे...। एक और निवेदन है कि ऐप डाउनलोड करते हुए आप अपने फोटोग्राफ हमें भेजिएगा... हम चयनित फोटोग्राफ अगले अंक में ससम्मान प्रकाशित करेंगे।    

एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे,  बेहतर समझें तो पोस्ट को शेयर भी कीजिएगा...


प्रकृति दर्शन की टीम के समस्त साथियों को भी खूब बधाईयां...जो हम सभी के प्रयास से यह संभव हो पाया....प्लानिंग, तकनीकी और मार्केटिंग टीम सदस्यों को विशेष आभार। बालादत्त सर, नेगी सर, मनीष जी, अवधेश जी...। खूब भालो...। 

संदीप कुमार शर्मा,
प्रधान संपादक, प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका   
ईमेल- editorpd17@gmail.com
मोबाइल/व्हाटसऐप-8191903651

पर्यावरण और जीवन पर तम्बाकू का खतरा

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट पर ध्यान दिलवाते हुए स्पष्ट चेताया है कि भविष्य में तम्बाकू से हो रहे पर्यावरणीय औ...