ये नज़र का कमाल है... अक्सर छत की मुंडेर या दीवार पर खुरचना या कुरेदना मानव प्रकृति है... कुरेदते वक्त हम अनायास ही सृजित कर रहे होते हैं, मैंने यही कुछ आज खोजा... जब में इन खुरचनों को देख रहा था उसी समय मुझे इनमें जीवन और कुछ बोलते चित्र नज़र आए...। आप भी देखिए और महसूस कीजिए...। हमारे आसपास बहुत है खुश रहने को...बस हम अपनी नज़र और नजरिया बदल लें...।
nature, environment, nature conservation, water conservation, land conservation, global environment, rivers, drought, desert, glacier, sea, sweet water, drinking water, wildlife conservation, bird conservation, mountain biodiversity, plantation, awareness, forest, pond, Environmentalists, Books on Environment, Articles on Environment, Research Papers on Environment.naturenews, prakritidarshannews
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पर्यावरण और जीवन पर तम्बाकू का खतरा
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट पर ध्यान दिलवाते हुए स्पष्ट चेताया है कि भविष्य में तम्बाकू से हो रहे पर्यावरणीय औ...
-
सुबह कभी खेत में फसल के बीच क्यारियों में देखता हूँ तो तुम्हारी बातों के सौंधेपन के साथ जिंदगी का हरापन भी नज़र आ ही जाता है...। सोचता हूँ मु...
-
फ्रांस का अध्ययन है कि 2000 से 2020 के बीच ग्लेशियर के मेल्ट होने की स्पीड दोगुनी हो चुकी है ये उनका अपना अध्ययन है, क्या करेंगे ग्लेशियर। स...
-
लघुकथा अक्सर होता ये था कि पूरे साल में गर्मी का मौसम कब बीत जाता था पता ही नहीं चलता था क्योंकि घर के सामने रास्ते के दूसरी ओर नीम का घना व...
बहुत खूब ..... नज़र भी नज़रिया भी ।
जवाब देंहटाएंजी आभार...
हटाएंये दरारे बहुत कुछ कहती हैं
जवाब देंहटाएंसादर
इनमें जीवन भी है और गहरी कसक भी...। आभार आपका अपर्णा जी...।
जवाब देंहटाएंसही ,नज़र अपनी अपनी
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंबहुत सुंदर दृष्टि कोण है अपना अपना।
जवाब देंहटाएंसादर
आभार आपका
हटाएंअच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
जवाब देंहटाएंgreetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
let's be friend